रविवार, अगस्त 09, 2009

क्या बताये क्या है हम

क्या बताये क्या है हम..
तब भी गधे थे, अब भी गधे है हम..

लोग कहते है इकीसवी सदी है..
और, सत्रहवी सदी का सामान है हम..

आमद से हमारी भगदड़ यूँ होती है..
गोया हिरनों के झुंड में शेर है हम..

हिदायत है सब को, कम बोलो हमसे..
के गुफ्तगू में सलीके दार है हम..

इस तरह लोग साथ मेरा चाहते है..
बेईमान ना बनू पर, ईमानदार रहू कम..

ग़लतियाँ करना फितरत है में है "काफिर"..
क्या करे के हम दुनिया दार है कम..

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